आयुष शर्मा: शिक्षा और कविताओं के संग चलती एक नई शुरुआत
जब शब्द दिल से निकलकर काग़ज़ पर उतरते हैं तो वे सिर्फ़ पंक्तियाँ नहीं रहते, वे एहसास बन जाते हैं। यही एहसास आज के युवा कवि आयुष शर्मा की कविताओं में मिलता है। पढ़ाई और लेखन, दोनों को साथ लेकर चल रहे आयुष ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा और रचनात्मकता कभी एक-दूसरे की राह में रुकावट नहीं बनती, बल्कि दोनों मिलकर एक व्यक्ति को और भी संपूर्ण बनाते हैं। कविता: आत्म-अभिव्यक्ति का माध्यम आयुष के लिए कविता सिर्फ़ शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि भावनाओं का आईना है। उनके लिखे शेर और पंक्तियाँ रिश्तों, समाज और जीवन के उन पहलुओं को सामने लाती हैं जिन्हें अक्सर लोग महसूस तो करते हैं, लेकिन कह नहीं पाते। अपनी रचनाओं को उन्होंने इंस्टाग्राम पेज @aagaz.writes के माध्यम से साझा करना शुरू किया। यह पेज आज युवाओं में लोकप्रिय हो रहा है और धीरे-धीरे उन सभी के लिए एक ऐसा कोना बन गया है जहाँ भावनाएँ शब्दों में बदलती हैं। शिक्षा और रचनात्मकता का संतुलन जहाँ एक ओर शिक्षा उन्हें अनुशासन और सोच की गहराई देती है, वहीं कविता उन्हें दिल की बात कहने का साहस देती है। आयुष का मानना है कि शिक्षा जीवन को दिशा देती है ...